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EV Dealership कैसे लें? Step by Step Guide in Hindi

EV dealership franchise
EV dealership franchise in india

भारत ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में एक बड़ा बदलाव देख रहा है। अब लोग सिर्फ पेट्रोल और डीज़ल गाड़ियों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों (EV Dealership) की तरफ तेजी से शिफ्ट हो रहे हैं। इसका कारण है—बढ़ती पेट्रोल-डीज़ल की कीमतें, पर्यावरण प्रदूषण और सरकार की ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने वाली नीतियाँ।

पिछले 5 सालों में EV सेक्टर ने ज़बरदस्त ग्रोथ दिखाई है। जहाँ पहले लोग सोचते थे कि इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ सिर्फ मेट्रो सिटी तक ही सीमित हैं, वहीं अब छोटे कस्बों, टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी EV की डिमांड बढ़ रही है।

इस ग्रोथ ने एक नया बिजनेस अवसर पैदा किया है – EV Dealership
EV Dealership का मतलब है किसी कंपनी (जैसे टाटा, ओला, एथर, हीरो इलेक्ट्रिक, ओकिनावा आदि) के साथ पार्टनरशिप करके उनकी गाड़ियाँ बेचना और उनकी सर्विसिंग करना।

जैसे पहले लोग Hero, Maruti, Honda की डीलरशिप लेकर अच्छा मुनाफा कमाते थे, अब वही मौका EV सेक्टर में है।

👉 EV Dealership आज सिर्फ बिजनेस नहीं बल्कि भविष्य में लंबे समय तक टिकने वाला निवेश है।

EV Dealership चुनने के कई ठोस कारण हैं।

1. भविष्य की बढ़ती मांग

रिसर्च बताती है कि 2030 तक भारत में बिकने वाली गाड़ियों में से लगभग 40% इलेक्ट्रिक होंगी। मतलब, आने वाले 7-8 साल में EV मार्केट कई गुना बढ़ने वाला है। अगर आप आज EV Dealership शुरू करते हैं, तो कल आप मार्केट लीडर बन सकते हैं।

2. सरकारी सपोर्ट

भारत सरकार EV को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ चला रही है:

  • FAME II Scheme – EV खरीद पर सब्सिडी
  • EV चार्जिंग स्टेशन लगाने पर ग्रांट
  • रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन में छूट
  • राज्य सरकारों की ओर से अतिरिक्त टैक्स बेनिफिट

इससे EV बिजनेस शुरू करना आसान हो जाता है।

3. ग्राहक की रुचि

आज की युवा पीढ़ी ग्रीन एनर्जी और टेक्नोलॉजी को ज्यादा अपनाती है। वे चाहते हैं कि उनकी गाड़ी स्टाइलिश भी हो और Eco-friendly भी। EV इस सोच का हिस्सा है।

4. कम ऑपरेटिंग कॉस्ट

EV का मेंटेनेंस पेट्रोल/डीज़ल गाड़ियों की तुलना में बहुत कम है।

  • बैटरी चार्ज करने का खर्च पेट्रोल-डीज़ल से कई गुना कम है।
  • सर्विसिंग में तेल, इंजन रिपेयर जैसी चीज़ों का खर्च नहीं आता।

ग्राहकों को यह सुविधा मिलने से वे EV को ज्यादा पसंद करते हैं।

5. लॉन्ग-टर्म प्रॉफिट

भले ही EV Dealership शुरू करने के लिए निवेश ज्यादा हो, लेकिन एक बार बिजनेस सेट हो जाए तो लंबे समय तक मुनाफा स्थिर और बड़ा होता है।

अब बात करते हैं सबसे ज़रूरी हिस्से की – EV Dealership कैसे लें?
अगर आप शुरुआत करना चाहते हैं, तो आपको यह Step by Step प्रोसेस अपनाना होगा:

Step 1: सही कंपनी की रिसर्च करें

सबसे पहले पता करें कि कौन-सी कंपनियाँ आपके एरिया में डीलरशिप ऑफर कर रही हैं।

  • अगर आप टू-व्हीलर EV बेचना चाहते हैं तो कंपनियाँ: Ola Electric, Ather, Okinawa, Hero Electric
  • आप फोर-व्हीलर EV चाहते हैं तो कंपनियाँ: Tata Motors, Mahindra Electric, MG Motors
  • अगर आप थ्री-व्हीलर EV लेना चाहते हैं तो कंपनियाँ: YC Electric, Kinetic Green, Piaggio

👉 कंपनी का चयन करते समय यह देखें कि उनके प्रोडक्ट्स की मार्केट डिमांड कैसी है और उनकी आफ्टर-सेल्स सर्विस मजबूत है या नहीं।

Step 2: कंपनी की वेबसाइट से आवेदन करें

आजकल लगभग हर कंपनी अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर EV Dealership के लिए आवेदन का ऑप्शन देती है।

  • वहां आपको अपना नाम, बिजनेस डिटेल्स, लोकेशन और कैपिटल से जुड़ी जानकारी भरनी होती है।
  • आवेदन सबमिट करने के बाद कंपनी का प्रतिनिधि आपसे संपर्क करेगा।

Step 3: निवेश तय करें

कंपनी की फ्रैंचाइज़ी फीस, शोरूम सेटअप, सर्विस सेंटर और वर्किंग कैपिटल के लिए बजट बनाइए।

  • टू-व्हीलर EV Dealership – ₹20–30 लाख
  • थ्री-व्हीलर EV Dealership – ₹15–25 लाख
  • फोर-व्हीलर EV Dealership – ₹50 लाख – ₹1 करोड़
  • EV चार्जिंग स्टेशन – ₹10–15 लाख

Step 4: डॉक्यूमेंटेशन तैयार करें

EV Dealership शुरू करने के लिए ज़रूरी कागज़ात:

  • कंपनी रजिस्ट्रेशन (LLP, Pvt Ltd या Proprietorship)
  • GST पंजीकरण
  • ट्रेड लाइसेंस
  • फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट्स (ITR, बैंक स्टेटमेंट)
  • RTO अप्रूवल (कुछ मामलों में)

👉 अगर आपके डॉक्यूमेंट पूरे और सही हैं तो अप्रूवल जल्दी मिल जाता है।

Step 5: लोकेशन फाइनल करें

लोकेशन EV बिजनेस की सफलता का सबसे बड़ा फैक्टर है।

  • शोरूम हमेशा हाई-ट्रैफिक रोड या मार्केट एरिया में होना चाहिए।
  • इंडस्ट्रियल एरिया और कॉलेज बेल्ट भी अच्छे विकल्प हैं।
  • चार्जिंग स्टेशन ऐसी जगह बनाइए जहाँ EV मालिक आसानी से पहुँच सकें।

Step 6: कंपनी अप्रूवल और कॉन्ट्रैक्ट

कंपनी आपके आवेदन और लोकेशन का निरीक्षण करेगी।

  • सब सही होने पर आपको कॉन्ट्रैक्ट साइन करने के लिए बुलाया जाएगा।
  • इसमें प्रॉफिट मार्जिन, डीलरशिप अवधि और कंपनी सपोर्ट की शर्तें लिखी होंगी।

Step 7: शोरूम सेटअप और लॉन्चिंग

  • शोरूम का इंटीरियर कंपनी की ब्रांडिंग के अनुसार बनाइए।
  • सर्विस सेंटर के लिए टेक्निकल मशीनरी इंस्टॉल कीजिए।
  • स्टाफ को ट्रेनिंग दिलाइए।
  • लॉन्चिंग के लिए डिजिटल और ऑफलाइन प्रमोशन कीजिए।

👉 यह पूरा प्रोसेस लगभग 3 से 6 महीने में पूरा हो सकता है।

EV dealership franchise
EV dealership franchise in india

EV Dealership शुरू करने के लिए कितना खर्च आएगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस कैटेगरी की डीलरशिप लेना चाहते हैं।

EV Dealership Cost Breakdown (Approx.)

डीलरशिप प्रकारअनुमानित निवेश (₹ में)
टू-व्हीलर EV डीलरशिप20–30 लाख
थ्री-व्हीलर EV डीलरशिप15–25 लाख
फोर-व्हीलर EV डीलरशिप50 लाख – 1 करोड़
EV चार्जिंग स्टेशन10–15 लाख

इसमें शामिल हैं:

  • Franchise Fees
  • शोरूम का किराया और सेटअप
  • सर्विस सेंटर मशीनरी
  • स्टाफ सैलरी
  • वर्किंग कैपिटल
  • लाइसेंस और डॉक्यूमेंटेशन

👉 शुरुआती निवेश ज्यादा है, लेकिन EV मार्केट की ग्रोथ देखकर यह निवेश आने वाले सालों में कई गुना फायदा देगा।

  • EV कंपनी का चयन कैसे करें
  • EV डीलरशिप के प्रकार
  • मार्केट रिसर्च क्यों जरूरी है
  • फंडिंग और फाइनेंसिंग
  • सरकारी योजनाएँ और सब्सिडी
  • स्थान (Location) का महत्व

किसी भी डीलरशिप की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आपने किस कंपनी के साथ पार्टनरशिप की है। गलत कंपनी चुनने पर आपका निवेश डूब सकता है, जबकि सही कंपनी आपको लंबी सफलता दिला सकती है।

1. लोकप्रिय ब्रांड चुनें

भारत में EV मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और कई ब्रांड इसमें उतर चुके हैं। लेकिन सभी ब्रांड एक जैसे मजबूत नहीं हैं। आपको ऐसे ब्रांड चुनने चाहिए जिनकी ग्राहकों के बीच अच्छी पकड़ हो और ब्रांड वैल्यू मजबूत हो।

लोकप्रिय EV ब्रांड:

  • टाटा मोटर्स (EV कार्स में मार्केट लीडर)
  • महिंद्रा इलेक्ट्रिक (थ्री-व्हीलर और कार्स)
  • ओला इलेक्ट्रिक (टू-व्हीलर EV)
  • एथर एनर्जी (हाई-टेक स्कूटर्स)
  • ओकिनावा (स्कूटर्स और बाइक)
  • हीरो इलेक्ट्रिक (भारत का पुराना और भरोसेमंद ब्रांड)

2. प्रोडक्ट वैरायटी देखें

कुछ कंपनियाँ सिर्फ एक-दो मॉडल लॉन्च करती हैं। अगर आप उनके साथ जुड़ते हैं तो आपके पास बेचने के लिए लिमिटेड विकल्प रहेंगे।

👉 बेहतर है कि ऐसी कंपनी चुनें जो टू-व्हीलर, थ्री-व्हीलर और फोर-व्हीलर में अच्छी पकड़ रखती हो। इससे आपको अलग-अलग ग्राहक वर्ग को टारगेट करने का मौका मिलेगा।

3. कंपनी सपोर्ट

कंपनी आपको कितना सपोर्ट देगी, यह बहुत ज़रूरी है। एक अच्छी EV कंपनी अपने डीलर्स को देती है:

  • मार्केटिंग सपोर्ट (Ads, Hoardings, Digital promotion)
  • ट्रेनिंग (सेल्स टीम और टेक्निकल स्टाफ के लिए)
  • टेक्निकल गाइडेंस (बैटरी और मोटर रिपेयरिंग के लिए)
  • स्पेयर पार्ट्स सप्लाई

4. डीलर मार्जिन

हर कंपनी अलग-अलग प्रॉफिट मार्जिन देती है।

  • टू-व्हीलर EVs पर सामान्यतः 8–12% मार्जिन
  • फोर-व्हीलर EVs पर 10–15% तक
  • सर्विस और स्पेयर पार्ट्स पर और भी अच्छा मार्जिन

EV डीलरशिप के प्रकार

EV डीलरशिप कई तरह की हो सकती है। आपको अपने बजट और एरिया की डिमांड के हिसाब से चुनना चाहिए।

1. टू-व्हीलर EV डीलरशिप

  • इसमें स्कूटर और बाइक शामिल हैं।
  • भारत में इसकी डिमांड सबसे ज्यादा है, खासकर छात्रों और ऑफिस गोअर्स के बीच।
  • शुरुआती निवेश भी अपेक्षाकृत कम है (₹20–30 लाख)।

2. थ्री-व्हीलर EV डीलरशिप

  • इसमें ई-रिक्शा और ई-ऑटो आते हैं।
  • छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में इसकी डिमांड बहुत अधिक है।
  • लागत लगभग ₹15–25 लाख।

3. फोर-व्हीलर EV डीलरशिप

  • इसमें इलेक्ट्रिक कार और कमर्शियल EV आते हैं।
  • निवेश बड़ा है (₹50 लाख–₹1 करोड़), लेकिन मुनाफा भी बड़ा है।
  • शहरों और बिजनेस हब्स में इसकी सबसे ज्यादा डिमांड है।

4. EV चार्जिंग स्टेशन डीलरशिप

  • EV ग्रोथ के साथ चार्जिंग स्टेशन का महत्व बढ़ रहा है।
  • निवेश ₹10–15 लाख के बीच।
  • लोकेशन हाईवे, मॉल, पेट्रोल पंप या हाउसिंग सोसाइटी के पास हो तो सफलता की गारंटी।

👉 चाहें तो आप मल्टी-ब्रांड और मल्टी-कैटेगरी डीलरशिप भी ले सकते हैं।

किसी भी बिजनेस की सफलता में मार्केट रिसर्च की बड़ी भूमिका होती है। EV Dealership के लिए तो यह और भी ज़रूरी है क्योंकि यह सेक्टर अभी डेवलपमेंट के स्टेज पर है।

मार्केट रिसर्च से आपको ये फायदे मिलते हैं:

  • आपके एरिया में EV की वास्तविक मांग का अंदाज़ा मिलता है।
  • आप जान पाते हैं कि आपके आसपास कितने कॉम्पिटिटर पहले से मौजूद हैं।
  • ग्राहकों की पसंद, बजट और जरूरतों के बारे में जानकारी मिलती है।
  • आप तय कर सकते हैं कि कौन-सा EV सेगमेंट (2W, 3W, 4W) आपके इलाके में ज्यादा बिकेगा।

👉 उदाहरण के लिए:
अगर आपका शहर टियर-3 है तो वहाँ टू-व्हीलर और थ्री-व्हीलर EV ज्यादा बिकेंगे। लेकिन मेट्रो सिटी में फोर-व्हीलर EV और चार्जिंग स्टेशन ज्यादा फायदे का सौदा है।

अगर आपके पास पूरा कैपिटल नहीं है, तो चिंता की बात नहीं है। EV Dealership शुरू करने के लिए कई फाइनेंसिंग विकल्प मौजूद हैं।

1. बैंक लोन

  • MSME और बिजनेस लोन के तहत आप EV डीलरशिप के लिए फाइनेंस ले सकते हैं।
  • EV सेक्टर को ग्रीन एनर्जी कैटेगरी में रखा गया है, इसलिए लोन अप्रूवल आसान हो जाता है।

2. सरकारी सब्सिडी

  • केंद्र सरकार और राज्य सरकार EV चार्जिंग स्टेशन और EV बिजनेस पर सब्सिडी देती हैं।
  • इससे आपका प्रारंभिक निवेश कम हो सकता है।

3. प्राइवेट इन्वेस्टर्स और वेंचर कैपिटल

  • अगर आप बड़े पैमाने पर EV बिजनेस करना चाहते हैं तो प्राइवेट इन्वेस्टर्स से फंडिंग मिल सकती है।
  • भारत में कई वेंचर कैपिटल फर्म EV और ग्रीन बिजनेस में निवेश कर रही हैं।

भारत सरकार EV इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए कई स्कीम्स चला रही है।

1. FAME II स्कीम

  • Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles (FAME II)
  • इसके तहत EV खरीद पर सब्सिडी मिलती है।
  • चार्जिंग स्टेशन सेटअप के लिए भी सहायता दी जाती है।

2. राज्य सरकार की नीतियाँ

  • दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु जैसे राज्यों ने EV पॉलिसी बनाई है।
  • इनमें EV की रजिस्ट्रेशन फीस और रोड टैक्स माफ किए जाते हैं।
  • चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर 10–20% तक की सब्सिडी मिलती है।

👉 इन योजनाओं का फायदा उठाकर आप अपने EV बिजनेस का निवेश काफी हद तक घटा सकते हैं।

स्थान (Location) का महत्व

EV Dealership की सफलता का सबसे बड़ा राज़ सही लोकेशन है।

शोरूम के लिए आदर्श स्थान:

  • हाई-ट्रैफिक रोड या मार्केट एरिया
  • कॉलेज और यूनिवर्सिटी के आसपास
  • इंडस्ट्रियल एरिया, जहाँ रोज़ाना काम पर जाने वाले लोग ज्यादा हैं

चार्जिंग स्टेशन के लिए आदर्श स्थान:

  • हाईवे के पास
  • पेट्रोल पंप या मॉल के पास
  • हाउसिंग सोसाइटी और ऑफिस कॉम्प्लेक्स

👉 अगर आपने सही जगह चुन ली, तो आपका बिजनेस तेजी से बढ़ेगा।

किसी भी EV Dealership को सफल बनाने के लिए सिर्फ पैसा ही नहीं, बल्कि सही टीम भी चाहिए।

आवश्यक स्टाफ

  1. सेल्स एक्जीक्यूटिव – ग्राहकों को EV की जानकारी देकर उन्हें खरीदने के लिए प्रेरित करना।
  2. टेक्निकल स्टाफ – बैटरी, मोटर और चार्जिंग सिस्टम से जुड़े रिपेयर का काम करना।
  3. कस्टमर सपोर्ट टीम – आफ्टर-सेल्स सर्विस और वारंटी क्लेम्स को संभालना।
  4. मार्केटिंग टीम (जरूरत के अनुसार) – लोकल और डिजिटल प्रमोशन की देखरेख करना।

ट्रेनिंग

अधिकांश EV कंपनियाँ अपने डीलर्स और स्टाफ को ट्रेनिंग देती हैं।

  • सेल्स स्टाफ को प्रोडक्ट फीचर्स, फाइनेंसिंग ऑप्शन और कस्टमर हैंडलिंग की ट्रेनिंग।
  • टेक्निकल स्टाफ को बैटरी मैनेजमेंट, चार्जिंग और रिपेयरिंग की ट्रेनिंग।

👉 अगर आपकी टीम प्रशिक्षित है तो ग्राहक भरोसा करेंगे और बार-बार आपके पास आएँगे।

EV बिजनेस नया है, इसलिए लोगों तक इसे पहुँचाने के लिए सही मार्केटिंग स्ट्रेटेजी बहुत जरूरी है।

डिजिटल मार्केटिंग

  • Facebook और Instagram Ads – खासकर युवाओं को टारगेट करने के लिए।
  • Google Ads – EV की खोज करने वाले ग्राहकों तक सीधा पहुँचने के लिए।
  • YouTube वीडियो – टेस्ट राइड और फीचर वीडियो से ब्रांडिंग बढ़ती है।

ऑफलाइन प्रमोशन

  • रोड शो और फ्लायर्स – लोकल मार्केट में लोगों को जोड़ने के लिए।
  • लोकल इवेंट्स और एग्ज़िबिशन – EV को लाइव दिखाने का अच्छा तरीका।
  • टेस्ट राइड कैंप – जब ग्राहक खुद EV चलाकर अनुभव करेंगे, तभी भरोसा करेंगे।

👉 याद रखिए, EV सिर्फ गाड़ी नहीं बल्कि भविष्य की टेक्नोलॉजी है। इसे दिखाने और समझाने की मार्केटिंग ज्यादा असरदार होती है।

EV बिजनेस में कस्टमर सपोर्ट ही आपकी लंबी सफलता की कुंजी है।

  • वारंटी क्लेम्स को जल्दी और आसान बनाएँ।
  • आफ्टर-सेल्स सर्विस की क्वालिटी पर ध्यान दें।
  • समय-समय पर फ्री सर्विस कैंप लगाएँ।
  • ग्राहकों को चार्जिंग स्टेशन और बैटरी स्वैपिंग की सही जानकारी दें।

👉 अगर आपने एक ग्राहक को खुश कर दिया, तो वह आपके लिए 10 नए ग्राहक लेकर आएगा।

EV Dealership से आपकी इनकम कई सोर्स से होती है:

  1. गाड़ियों की बिक्री पर मार्जिन – सामान्यतः 8–15%।
  2. चार्जिंग स्टेशन से इनकम – प्रति यूनिट बिजली से अच्छी कमाई।
  3. बैटरी और एक्सेसरीज़ की बिक्री – ग्राहकों को अतिरिक्त सेवाएँ देकर।
  4. रिपेयर और सर्विस चार्ज – आफ्टर-सेल्स सर्विस हमेशा मुनाफे का स्रोत होती है।

👉 एक अच्छी लोकेशन और सही ब्रांड चुनकर आप हर महीने लाखों कमा सकते हैं।

EV Dealership FAQs

  • चार्जिंग स्टेशन की कमी
  • शुरुआती निवेश ज्यादा
  • ग्राहकों की जागरूकता की कमी
  • मेंटेनेंस और टेक्निकल सपोर्ट की जरूरत
  • ग्रीन और फ्यूचर-रेडी बिजनेस
  • सरकार की EV सब्सिडी और सपोर्ट
  • कम competition और अच्छा profit margin
  • ब्रांडेड कंपनियों से marketing और training suppor
  1. Exclusive Model – सिर्फ एक कंपनी के EV बेचने की अनुमति
  2. Multi-brand Model – कई कंपनियों के EV एक साथ बेचने की सुविधा
  • 2030 तक EV मार्केट 35% CAGR से बढ़ने का अनुमान
  • सरकार चार्जिंग स्टेशन और सब्सिडी पर बड़ा निवेश कर रही है
  • EV battery technology लगातार improve हो रही है
  • सही लोकेशन चुनें
  • ब्रांडेड कंपनी की franchise लें
  • सोशल मीडिया से promotion करें
  • after-sales service पर ध्यान दें

क्या EV चार्जिंग स्टेशन डीलरशिप फायदेमंद है?
👉 बिल्कुल, क्योंकि चार्जिंग डिमांड सबसे तेजी से बढ़ रही है।

EV Dealership सिर्फ एक बिजनेस नहीं बल्कि भविष्य का निवेश है। अगर आप सही कंपनी चुनते हैं, सही लोकेशन पर काम करते हैं और ग्राहकों को बेहतर सर्विस देते हैं, तो यह बिजनेस आपको लंबे समय तक अच्छा प्रॉफिट देगा।

आज EV डीलरशिप शुरू करना आने वाले कल की सफलता की गारंटी है।

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