गांव के लिए टॉप 10 बिजनेस आइडियाज | 10 Best Small Business Ideas for Villages in India (2025)

Small business ideas for villages: छोटा नाम, बड़ा काम – यही है गांव से शुरू होने वाले व्यापारों की असली ताकत।
जब हम गांव की बात करते हैं, तो आंखों में मिट्टी की सोंधी खुशबू, खुला आसमान, और मेहनती लोग नजर आते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यही गांव भारत के आत्मनिर्भर भारत अभियान में सबसे बड़ी भूमिका निभा सकते हैं? आजकल बहुत से युवा बड़े शहरों की भीड़ से तंग आकर अपने गांव लौट रहे हैं और वहीं से छोटे-छोटे लेकिन मुनाफेदार व्यापार शुरू कर रहे हैं। ये ना सिर्फ़ उन्हें रोज़गार दे रहे हैं, बल्कि दूसरे गांववालों को भी काम मिल रहा है।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं गांव से शुरू होने वाले 10 छोटे व्यापार, जिन्हें कोई भी सामान्य व्यक्ति, चाहे वो पढ़ा-लिखा हो या नहीं, बड़े आराम से शुरू कर सकता है
1. ऑर्गेनिक सब्ज़ी उत्पादन (Organic Vegetable Farming)
बिज़नेस क्या है?
ऑर्गेनिक खेती मतलब ज़मीन से बिना केमिकल के, प्राकृतिक तरीके से सब्ज़ियां उगाना। इसमें गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट, नीम का तेल जैसी चीज़ों का इस्तेमाल होता है।
शुरुआत कैसे करें?
सबसे पहले, आपको एक छोटा खेत चाहिए—अगर खुद की ज़मीन है तो बढ़िया, नहीं तो किराए पर भी ले सकते हैं। मिट्टी की जांच करवाएं कि वो किस किस्म की फसल के लिए सही है। फिर तय करें कि कौन सी सब्ज़ियां उगानी हैं जैसे टमाटर, भिंडी, लौकी, पालक इत्यादि। शुरुआत में 1-2 किस्मों से ही शुरू करें।
ज़रूरी सामान और निवेश
- जैविक खाद: वर्मी कम्पोस्ट, गोबर की खाद
- बीज (जैविक गुणवत्ता वाले)
- पानी की व्यवस्था
- सिंचाई के लिए पाइप या टपक सिंचाई सिस्टम
- लागत: ₹30,000 – ₹50,000 प्रति एकड़
संभावित मुनाफ़ा
अगर सही से देखभाल करें तो प्रति एकड़ सालाना ₹1 लाख तक की कमाई हो सकती है। ऑर्गेनिक सब्ज़ियां सामान्य से 2x दाम पर बिकती हैं।
सरकारी योजना या सहायता
- PKVY (परमपरागत कृषि विकास योजना) – जैविक खेती के लिए सब्सिडी
- NFSM – बीज व खाद में सहायता
(स्रोत: agricoop.nic.in)
कौन कर सकता है?
कोई भी व्यक्ति जो थोड़ा धैर्य रखे और सीखने की इच्छा रखे।
गांव से कैसे शुरू करें
गांव में ज़मीन सस्ती होती है और लोग खेती में अनुभवी होते हैं, इससे काम आसान हो जाता है। अपने उत्पाद को शहरों में बेचने के लिए स्थानीय मंडियों या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का सहारा ले सकते हैं।
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2. अचार बनाने का बिज़नेस (Pickle Business)
बिज़नेस क्या है?
अचार का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है! भारत में अचार सिर्फ़ खाने का स्वाद नहीं, भावना है। हर घर में किसी ना किसी किस्म का अचार जरूर होता है। इस बिज़नेस में आप नींबू, आम, मिर्च, लहसुन आदि से स्वादिष्ट अचार बना सकते हैं।
शुरुआत कैसे करें?
एक साफ-सुथरी जगह तैयार करें, जहां अचार बन सके। पुराने पारंपरिक तरीकों से ही शुरुआत करें। सबसे पहले छोटी मात्रा में बना कर आस-पास के लोगों को बेचें। उनका फीडबैक लें और फिर उत्पादन बढ़ाएं।
ज़रूरी सामान और निवेश
- काँच की बरनियां
- मसाले, तेल, नमक
- कटाई-सफाई के बर्तन
- लेबलिंग और पैकिंग सामग्री
- लागत: ₹10,000 – ₹25,000
संभावित मुनाफ़ा
अगर आप हर महीने ₹20,000 की बिक्री करते हैं, तो ₹8,000 से ₹10,000 तक का मुनाफ़ा आराम से हो सकता है।
सरकारी योजना या सहायता
- PM FME Scheme – फूड प्रोसेसिंग यूनिट के लिए सहायता
- Mudra Loan – ₹50,000 से ₹10 लाख तक बिना गारंटी के लोन
(स्रोत: mofpi.nic.in)
कौन कर सकता है?
खासकर महिलाएं इस काम को घर बैठे आसानी से कर सकती हैं।
गांव से कैसे शुरू करें
गांव की महिलाएं पारंपरिक अचार बनाने में माहिर होती हैं। उन्हें एकजुट करके SHG (Self Help Group) बनाकर सामूहिक उत्पादन किया जा सकता है।

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3. पापड़ बनाने का घरेलू व्यवसाय (Homemade Papad Business)
बिज़नेस क्या है?
पापड़ भारत के हर थाली का हिस्सा है। शादी, त्योहार या रोज़ाना खाने में इसकी डिमांड बनी रहती है। इस व्यवसाय में घर पर ही बेसन, मूंग, चावल आदि से पापड़ बनाकर बेच सकते हैं।
शुरुआत कैसे करें?
घर के आंगन या छत पर धूप में पापड़ सुखाने के लिए जगह होनी चाहिए। शुरुआत में थोड़े-से कच्चे माल से बनाकर रिश्तेदारों या स्थानीय दुकानों में बेचें।
ज़रूरी सामान और निवेश
- बेसन, मसाले
- बेलन, प्रेस मशीन (अगर संभव हो)
- सुखाने की जगह
- पैकिंग बैग
- लागत: ₹8,000 – ₹15,000
संभावित मुनाफ़ा
हर महीने ₹10,000 से ₹25,000 तक की आय संभव है, यदि बिक्री सही ढंग से हो।
सरकारी योजना या सहायता
- DAY-NULM – महिला समूहों के लिए ट्रेनिंग और फंड
- PMEGP – लघु उद्योग के लिए सब्सिडी सहित लोन
(स्रोत: kviconline.gov.in)
कौन कर सकता है?
घरेलू महिलाएं या बुजुर्ग भी इसे अपने समय के अनुसार कर सकते हैं।
गांव से कैसे शुरू करें
गांवों में श्रम सस्ता होता है, और महिलाएं सामूहिक रूप से पापड़ बनाकर स्थानीय हाटों और किराना दुकानों में बेच सकती हैं।
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4. अगरबत्ती निर्माण (Agarbatti Making Business)
बिज़नेस क्या है?
अगरबत्ती हर पूजा में जरूरी होती है। इसकी मांग पूरे साल बनी रहती है, और त्यौहारों में तो खासकर बढ़ जाती है। अगरबत्ती बनाने के लिए सिर्फ कुछ सामग्री और एक छोटी मशीन की जरूरत होती है।
शुरुआत कैसे करें?
शुरुआत में आप हाथ से भी बना सकते हैं, लेकिन मशीन लेने से काम तेज़ और ज्यादा उत्पादक हो जाता है। बाजार में पहले से बिक रही अगरबत्तियों को देखें और उनसे बेहतर क्वालिटी बनाने की कोशिश करें।
ज़रूरी सामान और निवेश
- बांस की पतली छड़ियां
- चारकोल पाउडर, गोंद पाउडर, सुगंध
- अगरबत्ती बनाने की मशीन (₹25,000 – ₹50,000)
- पैकिंग सामग्री
- कुल लागत: ₹30,000 – ₹70,000
संभावित मुनाफ़ा
हर दिन 10-15 किलो अगरबत्ती बनाकर महीने में ₹20,000 तक मुनाफ़ा कमाया जा सकता है।
सरकारी योजना या सहायता
- SFURTI Scheme – MSMEs के लिए क्लस्टर आधारित समर्थन
- KVIC Training – अगरबत्ती निर्माण में ट्रेनिंग और लोन
(स्रोत: kvic.gov.in)
कौन कर सकता है?
महिलाएं, युवाओं या छोटे किसान परिवार के सदस्य।
गांव से कैसे शुरू करें
गांवों में कच्चा माल सस्ते दामों पर मिल जाता है और महिला स्वयं सहायता समूह इसे सामूहिक रूप से चला सकते हैं।
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5. कुल्हड़ निर्माण व्यवसाय (Kulhad Pottery Business)
बिज़नेस क्या है?
कुल्हड़ यानी मिट्टी का प्याला, जो अब फिर से ट्रेंड में आ गया है। रेलवे स्टेशन से लेकर कैफे तक लोग कुल्हड़ में चाय-कॉफी देना पसंद कर रहे हैं। यह इको-फ्रेंडली भी है।
शुरुआत कैसे करें?
अगर आपके पास कुम्हार कला है, तो बढ़िया। नहीं तो किसी कुम्हार से सीख सकते हैं। मिट्टी इकट्ठा करें, चाक खरीदें और कुल्हड़ बनाना शुरू करें।
ज़रूरी सामान और निवेश
- चाक (इलेक्ट्रिक या मैन्युअल)
- मिट्टी
- भट्टी (कुल्हड़ पकाने के लिए)
- लागत: ₹40,000 – ₹70,000 (अगर सब कुछ नया खरीदें तो)
संभावित मुनाफ़ा
प्रति कुल्हड़ लागत ₹1 पड़ती है, जबकि बाजार में ₹2.5 से ₹5 में बिकता है। अच्छे ऑर्डर मिल जाएं तो हर महीने ₹30,000 से ज़्यादा कमा सकते हैं।
सरकारी योजना या सहायता
- Honey Mission / Kumhar Sashaktikaran Yojana – चाक और ट्रेनिंग
- MSME Support Schemes
(स्रोत: msme.gov.in)
कौन कर सकता है?
कोई भी जो मिट्टी से काम करना पसंद करता है।
गांव से कैसे शुरू करें
गांव में मिट्टी आसानी से मिल जाती है और कारीगर भी। समूह बनाकर काम किया जा सकता है।
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6. देशी घी निर्माण व्यवसाय (Desi Ghee Production Business)
बिज़नेस क्या है?
देशी घी, भारतीय रसोई का पारंपरिक लेकिन अब “प्रीमियम” उत्पाद बन चुका है। विशेष रूप से गिर, साहीवाल, राठी नस्लों की गायों से बना घी विदेशों में तक निर्यात हो रहा है।
शुरुआत कैसे करें?
यदि आपके पास 2–3 देसी गाय हैं तो आप शुरुआत कर सकते हैं। दूध से मक्खन, फिर उसे उबालकर शुद्ध घी निकालना एक पारंपरिक और भरोसेमंद प्रक्रिया है।
ज़रूरी सामान और निवेश
- स्टील के बर्तन, छानने की छन्नी
- दूध मथने का यंत्र या मशीन
- पैकिंग बोतलें/डिब्बे
- ब्रांडिंग और लेबलिंग
- शुरुआत: ₹30,000 – ₹70,000
संभावित मुनाफ़ा
1 लीटर देशी घी ₹800–₹1200 में बिकता है। गांव में कम लागत पर उत्पादन कर आप प्रति महीने ₹40,000 से ज़्यादा कमा सकते हैं।
सरकारी सहायता
- National Dairy Development Board (NDDB)
- Animal Husbandry Infrastructure Development Fund (AHIDF)
कौन कर सकता है?
जिनके पास गायें हैं या जो डेयरी व्यवसाय में आना चाहते हैं।
गांव से कैसे शुरू करें?
गांव में दूध की उपलब्धता अधिक होती है, और परिवहन की सुविधा से आसपास के शहरों में बेच सकते हैं या ऑनलाइन मार्केट से जुड़ सकते हैं।
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7. देसी बीज विक्रय केंद्र (Indigenous Seed Selling Center)
बिज़नेस क्या है?
देशी बीजों की मांग जैविक खेती और पारंपरिक कृषि को बढ़ावा देने के कारण तेज़ी से बढ़ी है। किसानों को प्रमाणित, शुद्ध देसी बीज उपलब्ध करवाकर आप अच्छा व्यवसाय कर सकते हैं।
शुरुआत कैसे करें?
पहले स्थानीय बीज उत्पादकों और कृषकों से बीज इकट्ठा करें। बाद में इनका परीक्षण कर सर्टिफिकेशन प्राप्त करें और फिर खुदरा या थोक में बिक्री शुरू करें।
ज़रूरी सामान और निवेश
- बीजों की स्टोरेज यूनिट
- प्रमाणन शुल्क
- पैकिंग सामग्री और लेबलिंग
- कुल लागत: ₹20,000 – ₹50,000
संभावित मुनाफ़ा
1 किलो बीज की कीमत ₹100 से ₹500 तक हो सकती है। साल भर बिक्री चलती रहती है। मुनाफ़ा ₹25,000 – ₹60,000 प्रति महीने तक संभव।
सरकारी योजनाएं
- ICAR & Krishi Vigyan Kendra (KVK) बीज उत्पादन और प्रमाणीकरण में सहायता देते हैं
- PM Kisan Sampada Yojana
कौन कर सकता है?
किसान, युवा उद्यमी, और महिलाएं — जिन्हें कृषि की जानकारी है या सीखना चाहते हैं।
गांव से कैसे शुरू करें?
स्थानीय बीज, स्थानीय किसान, और स्थानीय जमीन — तीनों मिलकर इसे सफल बना सकते हैं।
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8. कमर्शियल मशरूम उत्पादन (Commercial Mushroom Farming)
बिज़नेस क्या है?
मशरूम एक हाई-प्रोटीन और लो-कैलोरी फूड है, जिसकी मांग होटल्स, सुपरमार्केट, और एक्सपोर्ट मार्केट में तेजी से बढ़ रही है। गांव में इसकी खेती कम जगह में भी संभव है।
शुरुआत कैसे करें?
- एक शेड बनाएं या पुराना कमरा उपयोग करें
- तापमान और नमी नियंत्रित करें
- स्पॉवन (बीज) और कंपोस्ट खरीदें
- ओएस्टर या बटन मशरूम से शुरुआत करें
ज़रूरी सामान और निवेश
- मशरूम बेड्स, स्पॉवन, कंपोस्ट
- स्प्रे बॉटल, थर्मामीटर
- शुरुआती लागत: ₹40,000 – ₹80,000
संभावित मुनाफ़ा
हर 10×10 फुट के कमरे से प्रति महीने ₹20,000 – ₹50,000 की आय संभव है। विदेशी मांग में बटन और शिटाके मशरूम महंगे बिकते हैं।
सरकारी सहायता
- National Horticulture Board
- Agriculture Skill Council of India (ASCI) ट्रेनिंग व फंडिंग
- SFURTI Scheme MSME द्वारा सहायता
कौन कर सकता है?
नौजवान, महिलाएं, और छोटे किसान – जो खेत की जगह ना हो तो भी इसे शुरू कर सकते हैं।
गांव से कैसे शुरू करें?
गांव में जगह और मजदूर सस्ते मिलते हैं। पास के शहरों में सप्लाई के लिए लोकल मार्केटिंग करें।
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9. सूखे फूल और प्राकृतिक सजावटी सामग्री (Dried Flowers and Natural Decor Export)
बिज़नेस क्या है?
फूलों को सुखाकर, सजावटी सामग्री जैसे बुक्के, वॉल डेकोर, थाली, पोटपुरी, इत्यादि बनाए जाते हैं। विदेशों में इनकी मांग इको-फ्रेंडली डेकोर के रूप में तेज़ी से बढ़ रही है।
शुरुआत कैसे करें?
- गेंदे, गुलाब, लैवेंडर जैसे फूल उगाएं
- छाया में सुखाएं
- डिज़ाइन करके सजावटी वस्तुएं बनाएं
- लोकल/इंटरनेशनल मार्केट से जुड़ें
ज़रूरी सामान और निवेश
- फूल उगाने की जगह
- सुखाने का क्षेत्र (shade drying area)
- ग्लू, तार, पैकेजिंग सामग्री
- शुरुआती निवेश: ₹20,000 – ₹60,000
संभावित मुनाफ़ा
एक सूखे फूल के गुलदस्ते की कीमत ₹100–₹1000 तक होती है। इंटरनेशनल एक्सपोर्ट से बहुत मुनाफ़ा संभव।
सरकारी सहायता
- APEDA (Agricultural & Processed Food Products Export Development Authority)
- MSME schemes for handicraft exporters
कौन कर सकता है?
महिलाएं, हस्तकला में रुचि रखने वाले, और ग्रामीण उद्यमी।
गांव से कैसे शुरू करें?
गांव में फूलों की खेती आसान और सस्ती है। स्थानीय युवाओं को जोड़कर क्लस्टर बना सकते हैं।
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10. मधुमक्खी पालन (Beekeeping Business)
बिज़नेस क्या है?
शुद्ध शहद की मांग दुनिया भर में बढ़ रही है। मधुमक्खी पालन गांव में फूलों और पेड़ों की उपलब्धता के कारण बेहद उपयुक्त है।
शुरुआत कैसे करें?
- 5–10 बॉक्स से शुरू करें
- मधुमक्खियों के प्रबंधन की ट्रेनिंग लें
- फूलों के पास बॉक्स रखें
- 3 महीने बाद शहद निकालना शुरू करें
ज़रूरी सामान और निवेश
- मधुमक्खी बॉक्स
- बी प्रोटेक्टिव सूट, स्मोकर
- हनी एक्स्ट्रेक्टर मशीन
- लागत: ₹50,000 – ₹1 लाख (10 बॉक्स के लिए)
संभावित मुनाफ़ा
प्रत्येक बॉक्स से सालाना 10–15 किलो शहद मिलता है। 1 किलो शुद्ध शहद ₹400–₹800 में बिकता है। मुनाफा ₹30,000 – ₹70,000 प्रति महीने तक संभव।
सरकारी सहायता
- KVIC Honey Mission – मधुमक्खी बॉक्स और ट्रेनिंग मुफ्त
- NBHM (National Beekeeping & Honey Mission)
कौन कर सकता है?
कोई भी ग्रामीण व्यक्ति जो फूलों वाले क्षेत्र में रहता हो।
FAQs– अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
गांव से कैसे शुरू करें?
पेड़ों और फूलों की बहुतायत वाले क्षेत्रों में मधुमक्खियां आसानी से पलती हैं। गांव में सहकारी समूह बनाकर भी किया जा सकता है।
निष्कर्ष: गांव से व्यापार शुरू करना है तो आज ही शुरुआत करें
अब बात सीधी है – अगर आप गांव में रहते हैं और सोचते हैं कि यहां सिर्फ खेती ही संभव है, तो आप चूक रहे हैं। आज का गांव कल के भारत का भविष्य बन सकता है। ऊपर बताए गए पांचों छोटे व्यापार न सिर्फ सस्ते में शुरू होते हैं, बल्कि मुनाफा भी देते हैं और सम्मान भी।
गांव की मिट्टी में मेहनत और आत्मनिर्भरता की ताकत है। आपको बस एक कदम बढ़ाना है। सरकारी योजनाएं भी आपकी मदद के लिए तैयार हैं। तो रुकिए मत, सोचिए मत — शुरुआत करिए और अपने गांव को अपने सपनों के साथ जोड़िए।
Disclaimer:
इस लेख में दिए गए आंकड़े और जानकारी AI टूल्स व ऑनलाइन स्रोतों पर आधारित हैं। कृपया किसी भी निर्णय से पहले स्व-विवेक और स्थानीय जांच करें।
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